Tagged: satire

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“बयान”: एक सस्ती एंथ्रोपोलॉजिकल स्टडी

बयान ही दरअसल वो गोंद है जो मनुष्य से मनुष्य को, सांप को छुछंदर से, गधे को गधे से, पॉलटिक्स से मैथमैटिक्स को जोड़ता...

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मुद्दों को उठाने की ज़रूरत नहीं अब, मुद्दे अब उठे-उठाए आते हैं।

ताज़ा शोध बता रहा है कि अब जो नए मुद्दे आ रहे हैं वो परजीवी नहीं रहे, स्वावलंबी हो गए हैं। वो रेडीमेड उठे...

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राइट टू प्राइवेसी आयोग से लिस्ट में ऑफ़िस के वॉशरूम और शादी का बुफ़े को जोड़ने का आवेदन।

जहां पर मुझसे कोई सवाल ना करे मतलब शंका का लघु रहने दिया जाए, दीर्घ ना बनाया जाए। कोई मुझसे ना पूछे कि बलीनो...

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राहुल गाँधी को संन्यास लेने के लिए क्यों नहीं धकेल रहा सोशल मीडिया ?

फ़ेसबुक आज के युग का बोधि वृक्ष है इस पर तो किसी को आपत्ति हो नहीं सकती है और अगर है भी तो कौन...

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सॉफ़्ट स्टेट से हार्ड स्टेट बनने का व्हाट्सऐप वीडियो आया क्या ? 

हरेक आहट पर लगता है कि तुम हो। हर नोटिफ़िकेशन के साथ भी ऐसा ही लग रहा है मुझे। व्हाट्सऐप मेरा फ़्रेंड-फ़िलॉसफ़र-गाईड है। व्हाट्सऐप...

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ओमर अबदुल्लाह का ट्वीट, राजनाथ, युद्ध का झुनझुना और वैग द डॉग

कभी-कभी लगता है कि हॉलिवुडिया कथाकार त्रिकाल दर्शी होते हैं। मतलब संजय दृष्टि से दो पैकेज एक्स्ट्रा। संजय का तो सिर्फ़ एक पैकेज था,...

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इस हफ़्ते हम किसका बायकॉट करने वाले हैं ?

बचपन से ही मैं चाहता था कि मैं बायकॉट करूं। बहुत दिन ललक थी। पर एक्प्रेस नहीं कर पा रहा था। परिस्थितियां मेरी इस...

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एकांकी : ये कैसा यज्ञ, ये कैसी आहुति जजमान । 

सबकी आँख पनियाई हुई है। सब ढों-ढों करके खांस रहे हैं। तीन-चार निपट लिए हैं, फर्श पर लोट रहे हैं। महिलाएं साड़ी से मुँह...

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हिपोक्रेसी डेमोक्रेसी – प्रदर्शनीय और दर्शनीय

 एक लाइन बार बार सुनते थे कि गुरू और अभिभावक जो कहें वो करो, जो करें वो मत करो। दरअसल हिप्पोक्रैसी हमारी डेमोक्रेसी का...

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हे प्रभु, बुलेट ट्रेन पर आशंका बढ़ती जा रही है…

भारत जैसे पाखंडी देश में किसी भी मुद्दे पर शोध करना, जानकारी इकट्ठा करना, संवाद करके, अलग-अलग विचारों को सुनना, अपनी धारणा बनाना किसी...

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