“बयान”: एक सस्ती एंथ्रोपोलॉजिकल स्टडी
बयान ही दरअसल वो गोंद है जो मनुष्य से मनुष्य को, सांप को छुछंदर से, गधे को गधे से, पॉलटिक्स से मैथमैटिक्स को जोड़ता...
बयान ही दरअसल वो गोंद है जो मनुष्य से मनुष्य को, सांप को छुछंदर से, गधे को गधे से, पॉलटिक्स से मैथमैटिक्स को जोड़ता...
ताज़ा शोध बता रहा है कि अब जो नए मुद्दे आ रहे हैं वो परजीवी नहीं रहे, स्वावलंबी हो गए हैं। वो रेडीमेड उठे...
जहां पर मुझसे कोई सवाल ना करे मतलब शंका का लघु रहने दिया जाए, दीर्घ ना बनाया जाए। कोई मुझसे ना पूछे कि बलीनो...
फ़ेसबुक आज के युग का बोधि वृक्ष है इस पर तो किसी को आपत्ति हो नहीं सकती है और अगर है भी तो कौन...
Blog / satire / social media
by Kranti Sambhav · Published December 10, 2016 · Last modified February 14, 2017
हरेक आहट पर लगता है कि तुम हो। हर नोटिफ़िकेशन के साथ भी ऐसा ही लग रहा है मुझे। व्हाट्सऐप मेरा फ़्रेंड-फ़िलॉसफ़र-गाईड है। व्हाट्सऐप...
by Kranti Sambhav · Published December 10, 2016 · Last modified February 12, 2017
कभी-कभी लगता है कि हॉलिवुडिया कथाकार त्रिकाल दर्शी होते हैं। मतलब संजय दृष्टि से दो पैकेज एक्स्ट्रा। संजय का तो सिर्फ़ एक पैकेज था,...
by Kranti Sambhav · Published December 10, 2016 · Last modified February 12, 2017
बचपन से ही मैं चाहता था कि मैं बायकॉट करूं। बहुत दिन ललक थी। पर एक्प्रेस नहीं कर पा रहा था। परिस्थितियां मेरी इस...
by Kranti Sambhav · Published December 10, 2016 · Last modified February 12, 2017
सबकी आँख पनियाई हुई है। सब ढों-ढों करके खांस रहे हैं। तीन-चार निपट लिए हैं, फर्श पर लोट रहे हैं। महिलाएं साड़ी से मुँह...
by Kranti Sambhav · Published December 10, 2016 · Last modified February 12, 2017
एक लाइन बार बार सुनते थे कि गुरू और अभिभावक जो कहें वो करो, जो करें वो मत करो। दरअसल हिप्पोक्रैसी हमारी डेमोक्रेसी का...
by Kranti Sambhav · Published December 10, 2016 · Last modified February 12, 2017
भारत जैसे पाखंडी देश में किसी भी मुद्दे पर शोध करना, जानकारी इकट्ठा करना, संवाद करके, अलग-अलग विचारों को सुनना, अपनी धारणा बनाना किसी...
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