फ़ेसबुक की दुनिया में सड़कों पर दोस्त बनाता एक बाइकर
हाल फ़िलहाल में बहुत कम ऐसे लोग मिलते हैं जिन्हें देखते ही पहली नज़र में महसूस होता है कि वो इन्सपिरेशनल हैं, जिनकी कहानी...
हाल फ़िलहाल में बहुत कम ऐसे लोग मिलते हैं जिन्हें देखते ही पहली नज़र में महसूस होता है कि वो इन्सपिरेशनल हैं, जिनकी कहानी...
“बड़ों को संदेश देती मधुबनी की सातवीं क्लास की कवयित्री” कई बार कविता के बोल मज़बूत होते हैं और कविता पढ़ने का तरीक़ा भी।...
पार्ट-1 :“स्टॉपओवर पटना- अपने गृहनगर में टूरिस्ट” मेरा गाँव पटना के पास नहीं। पटना से दूर है। लगभग एक सौ सत्तर-अस्सी किलोमीटर दूर, मधुबनी...
इस सवाल का जन्म हुआ था उस फ़िटनेस बैंड के साथ जो सुबह सुबह मेरी कलाई पर बाँधा गया था। जब मैं पहुँचा था...
फ़ेसबुक आज के युग का बोधि वृक्ष है इस पर तो किसी को आपत्ति हो नहीं सकती है और अगर है भी तो कौन...
शोभा जी, प्रणाम। (*अब डियर तो लिख नहीं सकते हैं, क्योंकि डियर बोलने पर मंत्री जी ने दूसरे नेता की भावनाओं को ऐसा थकूच...
स्लिपर क्लच को समझने के लिए असल मोटरसाइकिल चलाने के उस वक़्त के तजुर्बे को याद करना होगा जब हम काफ़ी तेज़ रफ़्तार में...
आज़ाद हूँ मैं, रस्तों पर चलने-पलने वालों की आवाज़ हूँ मैं, आज़ाद हूँ मैं, प्रस्तुत करने में हकीकत बिल्कुल बिंदास हूँ मैं, आज़ाद हूँ...
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