Monthly Archive: November 2016

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हिंसा का ऐसा जश्न क्यों ?

एक और घटना देखने को मिली है, फिर से सवाल वही सवाल सामने आ रहे हैं क्या इंसानियत मर गई, इतना क्रूर क्यों हो...

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हमारे नेता वैसे ही होते हैं जैसे हम होते हैं । 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ग़लती ये नहीं थी कि वो पुलिसकर्मियों की गोद में बैठकर बाढ़ प्रभावित इलाक़े का दौरा करने के लिए...

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क्या रोहित वेमुला देख चुका था कि अंत में डेथ सर्टिफ़िकेट बनाम कास्ट सर्टिफ़िकेट होगा ?

कोई भी विचार या मूल्य जब सार्वजनिक होता है तो फिर ये स्वीकार करना ही होता है कि उसका रूप-स्वरूप क्या रहेगा, क्या जाएगा,...

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सीसीटीवी के गणतंत्र में बकासुर बना सोशल मीडिया 

इस बार एक माँ अपने छोटे दुधमुँहे बच्चे को मारती हुई सीसीटीवी में क़ैद हुई है। सिर्फ़ मारती नहीं है, उसे गले से पकड़...

खेल दिवस और गुरू द्रोणाचार्य पर मेरे मन की बात 0

खेल दिवस और गुरू द्रोणाचार्य पर मेरे मन की बात

कुछ वक़्त पहले जीके के एक कॉफ़ी शॉप में अचानक मुलाक़ात हुई उन ऐक्टर से जिन्होंने महाभारत में द्रोणाचार्य का किरदार निभाया था। लंबी...

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भारत-पाकिस्तान की इस सुरीली लड़ाई में क्यों भारी पड़ा पाकिस्तान ?

कुछ साल पहले से ये बहस शुरू हुई थी। वैसे शुरु होने से पहले ही शायद ख़त्म भी हो गई थी। बहस ये कि...

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ट्रैफ़िक कंजेशन- क्या बड़े शहरों से तिपहिया, ऑटो रिक्शा हटाने का वक़्त आ गया है ? 

इंटरनेट पर TCI यानि ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया और आईआईएम कोलकाता के द्वारा किए गए एक रिपोर्ट मिला जो बता रहा है कि देश...

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जुमला शाश्वत है। उसका ना ओर है । ना अंत। 

जुमला शाश्वत है। ना उसका ओर है ना अंत। ना वो दिखाई देता है ना सुनाई देता है, उसे सिर्फ़ महसूस किया जा सकता...

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प्राइवेट जेट की उत्पत्ति ना होता तो नेताओं का मनमुटाव कैसे मिटता ?

क्या आप कभी प्राइवेट जेट में गए हैं ? छोटे जहाज़ में ? हवाई वाले जहाज़ में ?  मैं कभी नहीं गया हूँ ।...

एक चलता फिरता पेंडिग फ़्रेंडशिप रिक्वेस्ट हूँ मैं … 0

एक चलता फिरता पेंडिग फ़्रेंडशिप रिक्वेस्ट हूँ मैं …

हम सभी कहीं और थे। वहाँ नहीं जहाँ होना चाहते थे। वहां जहाँ होना पड़ रहा था। मजबूरी थी। जहां सबकुछ मनमुताबिक नहीं ।...

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