आख़िर स्लिपर क्लच होते क्या हैं ?
स्लिपर क्लच को समझने के लिए असल मोटरसाइकिल चलाने के उस वक़्त के तजुर्बे को याद करना होगा जब हम काफ़ी तेज़ रफ़्तार में जाते हुए अचानक निचले गियर में जाते हैं। ये आमतौर पर होता है जब हमें थोड़ी एक्स्ट्रा ताक़त-पिकप चाहिए होती है। ये ज़रूरत आम राइडिंग के दौरान कम होती है, पर अगर तेज़ रफ़्तार राइजिंग कर रहे हों, या मोटरसाइकिल को रेसट्रैक पर भगा रहे हों तो अचानक आने वाले कॉर्नर पर हम खटाखट निचले गियर में जाते हैं। और फिर कॉर्नर से निकलने के बाद हम फिर मोटरसाइकिल को भगाते हैं। तो उस निचले गियर में जाने की प्रक्रिया का असर ये होता है कि बाइक की रफ़्तार अचानक कम होती है, एक झटका सा लगता है, जिसे इंजिन ब्रेकिंग भी कहते हैं। सीधी भाषा में समझें तो अचानक गियर नीचे करने से इंजिन के घूमने की रफ़्तार और पिछले पहिए की रफ़्तार में फ़र्क पैदा करता है और इसकी वजह से एक झटका लगता है। आपने भी कई बार सीधी राइड में बाइक की रफ़्तार को कम करने के लिए इस तरह की इंजिन ब्रेकिंग का इस्तेमाल किया होगा। पर समस्या तब होती है जब राइड बहुत तेज़ हो जैसे रेस ट्रैक पर। उस रफ़्तार पर ये झटका या इंजिन ब्रेकिंग मोटरसाइकिल को काफ़ी असुरक्षित बनाता है। ऐेसे में आम क्लच से राइड करके वक़्त या तो रिस्क बढ़ जाता है या फिर रेसर अपनी मोटरसाइकिल की रफ़्तार कम करके आगे बढ़ते हैं। तो स्लिपर क्लच का रोल यही होता है कि ये इंजिन के आरपीएम और पिछले पहिए की सीधी राइड में तो कम महसूस होता है, थोड़ी ज़्यादा ताक़त के लिए। आम
तो अब स्लिपर क्लच काम कैसे करता है, ये लिखने के लिए जितना पढ़ा और जितना समझा उसी को आसान भाषा में लपेटने की कोशिश करता हूँ। जिस तरीक़े से ख़ुद कुछ समझ पाया। तो इसके लिए साइकिल पर आना पड़ेगा। साइकिल चलाते वक़्त जब हम पैडल आगे मारते हैं तो साइकिल आगे बढ़ती है, लेकिन जब पैडल मारना रोकते हैं या फिर पैडल पीछे की ओर घुमाते हैं तो साइकिल उल्टी नहीं चलती। उसका पिछला मूवमेंट फ़्री हो जाता है। तो उस तस्वीर को याद करके समझा कि ये स्लिपर क्लच वाला मसला समझा जा सकता है। ये क्लच अचानक निचले गियर में आने की वजह से इंजिन और पिछले पहिए की रफ़्तार में जो फ़र्क आता है उससे पहिए को लॉक नहीं होने देता है, थोड़ी ढील देता है जिससे इंजिन और पहिए की रफ़्तार बराबर हो जाए। इससे रेसट्रैक पर कॉर्नर पर तो तेज़ी से निकलने में मदद मिलती ही है, सेफ़्टी भी बहुत बढ़ जाती है।
- इन सब बातों के बाद ये वीडियो जो उस प्रोसेस को सिंपल तरीक़े से समझाता है। बेहतर होगा अगर आप लिखा हुआ पहले पढ़ेंगे और फिर ये वीडियो देखेंगे, नहीं तो ये वीडियो उटपटांग सा लग सकता है।
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