हर जान की क़ीमत बराबर नहीं होती …
हमारी उत्सुकताओं का सरोकार कैसे तय होता है ? तरजीह कैसे मिलती है ? किसको मिलती है ? मौत के तरीक़े से ? मरने वालों की आर्थिक...
हमारी उत्सुकताओं का सरोकार कैसे तय होता है ? तरजीह कैसे मिलती है ? किसको मिलती है ? मौत के तरीक़े से ? मरने वालों की आर्थिक...
बीएचयू में धरना चल रहा था। छात्राओं की स्टोरी चल रही थी। न्यूज़ एजेंसी की माइक पर लड़कियां बता रहीं थीं छेड़ख़ानी की शिकायत...
भारत में एक और सवाल है- “सभी नई कारें अगर इलेक्ट्रिक हो जाएंगी तो उसके लिए बिजली कहां से आएगी ? “ ये मामला...
लग्ज़री कारों की क़ीमतें बढ़ेंगी, छोटी कारों की जस की तस, हाइब्रिड को राहत नही हैदराबाद में हुए जीएसटी काउंसिल की 21वीं बैठक के...
नाटकीय मौत नाटकीय हेडलाइन बनाते हैं। सुपरबाइक और सुपरकार से मौत, हेडलाइन को सेंसेशनल बनाते हैं। मुझे हेडलाइन के नाटकीय होने से आपत्ति नहीं,...
हाल में कैफ़े रेसर की चर्चा हम काफ़ी सुन रहे हैं। मोटरसाइकिलों की एक ऐसी रेसिंग कैटगरी जो साठ की दशक में काफ़ी लोकप्रिय...
by Kranti Sambhav · Published November 1, 2016 · Last modified February 14, 2017
हम भारतीयों को राजशाही की लत है। जब तक राजशाही की ख़ुराक नहीं मिलती पेट में मरोड़ उठता रहता है, सर घूमता रहता है,...
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