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हर जान की क़ीमत बराबर नहीं होती …

हमारी उत्सुकताओं का सरोकार  कैसे तय होता है ? तरजीह कैसे मिलती है ? किसको मिलती है ? मौत के तरीक़े से ? मरने वालों की आर्थिक...

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पूजा और लाठीचार्ज के बीच एक देवी, एक मनुष्य और एक शरीर

बीएचयू में धरना चल रहा था। छात्राओं की स्टोरी चल रही थी। न्यूज़ एजेंसी की माइक पर लड़कियां बता रहीं थीं छेड़ख़ानी की शिकायत...

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नितिन गडकरी के बयान से क्यों भौंचक्की रह गईं कार कंपनियां ?

भारत में एक और सवाल है-  “सभी नई कारें अगर इलेक्ट्रिक हो जाएंगी तो उसके लिए बिजली कहां से आएगी ? “ ये मामला...

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किन कारों की जीएसटी पर बढ़ गया सेस ?

लग्ज़री कारों की क़ीमतें बढ़ेंगी, छोटी कारों की जस की तस, हाइब्रिड को राहत नही हैदराबाद में हुए जीएसटी काउंसिल की 21वीं बैठक के...

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क्या केवल सुपरबाइक पर चर्चा करके देश के बाक़ी हिंमाशु बंसलों को बचा पाएंगे ?

नाटकीय मौत नाटकीय हेडलाइन बनाते हैं। सुपरबाइक और सुपरकार से मौत, हेडलाइन को सेंसेशनल बनाते हैं। मुझे हेडलाइन के नाटकीय होने से आपत्ति नहीं,...

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डुकाटी एक बाइक में लाई दो रेट्रो स्टाइल- स्क्रैंबलर भी और कैफ़े रेसर भी

हाल में कैफ़े रेसर की चर्चा हम काफ़ी सुन रहे हैं। मोटरसाइकिलों की एक ऐसी रेसिंग कैटगरी जो साठ की  दशक में काफ़ी लोकप्रिय...

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अखिलेश यादव ने हिंदुस्तानी बेटों को सांत्वना दी है “वी आर सेम टू सेम”

हम भारतीयों को राजशाही की लत है। जब तक राजशाही की ख़ुराक नहीं मिलती पेट में मरोड़ उठता रहता है, सर घूमता रहता है,...

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