हर जान की क़ीमत बराबर नहीं होती …
हमारी उत्सुकताओं का सरोकार कैसे तय होता है ? तरजीह कैसे मिलती है ? किसको मिलती है ? मौत के तरीक़े से ? मरने वालों की आर्थिक...
हमारी उत्सुकताओं का सरोकार कैसे तय होता है ? तरजीह कैसे मिलती है ? किसको मिलती है ? मौत के तरीक़े से ? मरने वालों की आर्थिक...
ये सब सवाल मेरे ज़ेहन में इसलिए कुलबुला रहे थे क्योंकि मैंने फ़ेसबुक-ट्विटर या एएनआई के माईक पर दुख नहीं व्यक्त किया था। आंकड़ों...
बीएचयू में धरना चल रहा था। छात्राओं की स्टोरी चल रही थी। न्यूज़ एजेंसी की माइक पर लड़कियां बता रहीं थीं छेड़ख़ानी की शिकायत...
ताज़ा शोध बता रहा है कि अब जो नए मुद्दे आ रहे हैं वो परजीवी नहीं रहे, स्वावलंबी हो गए हैं। वो रेडीमेड उठे...
Blog / English / social media
by Kranti Sambhav · Published August 22, 2017 · Last modified August 28, 2017
The first thing which I learned from Sarahah is about Post-Truth. Not the word of the year 2016 -Post-truth, but our new age belief...
ये सोच वैसी बिल्कुल नहीं है जो ऋषि कपूर की तरह ट्वीट करे कि सौरभ गांगुली जैसे सेलिब्रेशन होने वाला है या नहीं। ये...
Blog / satire / social media
by Kranti Sambhav · Published December 10, 2016 · Last modified February 14, 2017
हरेक आहट पर लगता है कि तुम हो। हर नोटिफ़िकेशन के साथ भी ऐसा ही लग रहा है मुझे। व्हाट्सऐप मेरा फ़्रेंड-फ़िलॉसफ़र-गाईड है। व्हाट्सऐप...
Blog / News / satire / social media
by Kranti Sambhav · Published November 1, 2016 · Last modified February 14, 2017
डियर ओलंपियन्स, आज छुट्टी थी तो शाम को टीवी पर एचडी चैनल लगाकर, आवाज़ तेज़ करके आपही सबको देख रहा था।आपमें से ज़्यादातर को...
Blog / satire / social media
by Kranti Sambhav · Published November 1, 2016 · Last modified February 14, 2017
इस बार एक माँ अपने छोटे दुधमुँहे बच्चे को मारती हुई सीसीटीवी में क़ैद हुई है। सिर्फ़ मारती नहीं है, उसे गले से पकड़...
by Kranti Sambhav · Published November 1, 2016 · Last modified February 14, 2017
कुछ वक़्त पहले जीके के एक कॉफ़ी शॉप में अचानक मुलाक़ात हुई उन ऐक्टर से जिन्होंने महाभारत में द्रोणाचार्य का किरदार निभाया था। लंबी...
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