सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए शोभा डे को लिखी खुली चिट्ठी
शोभा जी, प्रणाम। (*अब डियर तो लिख नहीं सकते हैं, क्योंकि डियर बोलने पर मंत्री जी ने दूसरे नेता की भावनाओं को ऐसा थकूच...
शोभा जी, प्रणाम। (*अब डियर तो लिख नहीं सकते हैं, क्योंकि डियर बोलने पर मंत्री जी ने दूसरे नेता की भावनाओं को ऐसा थकूच...
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