रोबोट से नहीं, मनुष्य से डर लगता है साहिब
दिन भर कॉल आते रहते हैं, अनवरत। शाम-रात में भी। शनिवार-रविवार को भी। मन आजिज हो जाता है। एक शख़्स का कई बार, कई...
दिन भर कॉल आते रहते हैं, अनवरत। शाम-रात में भी। शनिवार-रविवार को भी। मन आजिज हो जाता है। एक शख़्स का कई बार, कई...
सोचा था कि साल 2022 में पचास किताबें पढ़ूँगा। एक रैंडम आंकड़ा। किसी भी ठोस तुक से दूर। किसी के इन्स्टाग्राम पर रील देखी...
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