मैं, रामकटोरी, एक बाइकर और दिवाली की एक रात
पता चला है कि ऐ दिल है मुश्किल का थीम अनरिक्विटेड लव है, जिसका हिंदी में जब अर्थ निकालने की कोशिश की तो बड़ा मुश्किल निकला, अप्रतिदत्त। ख़ैर, शब्द भले ही एलियन लगे पर महसूस करना इतना मुश्किल नहीं है। अपनी तो आधी क़ौम ही इसका शब्दार्थ ना सही, भावार्थ समझती ज़िंदगी गुज़ार लेती है, और वो है -ऐसा प्यार जिसके बदले में प्यार ना मिले। और आसानी से समझें तो वन साइडेड प्यार। रामकटोरी के साथ भी मेरा प्रेम-प्रसंग ऐसा ही था। मैं हद से ज़्यादा प्रेम में पड़ा हुआ था और रामकटोरी को मेरी भावनाओं की कोई क़द्र नहीं थी। पहली नज़र में होने वाले प्यार पर शक़ होना वाजिब है पर रामकटोरी के लिए जिस तरह से प्रेम ग्राफ़ मेरा चढ़ा था, वो बहुत ही संतुलित तरीक़े से परवान पर पहुँचा था। पर पता नहीं क्यों रामकटोरी ने कई बार मुझे धोखा दिया था।
आडवाणी जी और मुझमें एक समानता है। उन्हें भी बहुत सी बातें स्मरण होती रहती हैं । मुझे भी। वो हाथ मल मल कर स्मरण करते हैं और मैं कीबोर्ड पर हाथ पटक पटक कर। और वो रात स्मरणीय तो थी ही। वो भी दिवाली की रात थी। दिवाली की रात इसलिए हो गई क्योंकि शाम नहीं हो पाई। हमारे किसी बॉस में से एक ने मुझे काम पर टिका दिया और दिवाली की दोपहर सीधी रात में तब्दील हो गई । ऐसा नहीं था कि दिवाली में कोई ज़ोरदार सेलिब्रेशन का हिसाब किताब था मेरी लाइफ़ में। दिए-पटाख़ों में ख़ास मुब्तिला थे नहीं अपन, पर चूंकि आत्म-दया करना आदर्श दैनिक कर्तव्य हुआ करता था, तो बुझे मन से निकलना स्वाभाविक भाव था। तो निकले ऑफ़िस से मिडनाइट के आसपास। और तब का सफ़र नौएडा से दिल्ली का था। त्यौहार की रात में काम करने के लिए दुख मनाने का पियर-प्रेशर से दूर जाते ही मैं रास्ते और मौसम का हौले हौले मज़ा लेते हुए निकल गया। आधी दूरी तय की होगी कि रामकटोरी ने दूसरी बार मुझे धोखा दिया। इससे पहले उसने मुझे जून की दुपहरी में धोखा दिया था। नौएडा टोल ब्रिज के आधे में। और तब उसे दो किलोमीटर गर्मी में ठेलने में जो मेरी हालत ख़राब हुई थी वो मैं ही जानता हूँ।
पर दिवाली की रात में तो कहानी बहुत ख़राब थी। एक तो आधी रात के पार फिर दिवाली। जिसमें शोर तो बहुत था पटाख़ों का पर सड़कों पर सन्नाटा था। पहले तो मैं मूलचंद से साउथ एक्सटेंशन की तरफ़ गया। कोई छोटी बाइक होती तो पिछला टायर पंचर होने पर टंकी पर बैठ कर कुछ दूर तक तो जा सकते हैं पर रामकटोरी तो बुलेट परिवार से आती है। और ऊपर से पता चला कि गलत दिशा में दांव खेल गया था। पेट्रोल पंप पर सन्नाटा था। अब एक ही रास्ता था, वापस जाकर मथुरा रोड पंचर वाले को पकड़ा जाए।
साथ ही वक्त आ चुका था कि मैं अपने घरवालों को फोन करके बता दूँ मैं फंस चुका हूँ, लेट हो जाऊँगा। फ़ोन के ज़रिए पुत्र धर्म का निर्वाह करते वक्त लगा कि फोन के दूसरे सिरे पर पितृ-धर्म का निर्वाह करते हुए मेरी ख़बर से डाक्टर साहब बहुत कन्विंस नहीं हुए, पर ‘ठीक है’ जवाब आ गया। मेरी उम्र भी ऐसी थी, जिस एज ग्रुप की क्रेडिबिलिटी का सिबिल रेटिंग काफ़ी लो होता है। पर ये मीमांसा आज लिख रहा हूँ, उस वक्त तो ‘वाटेवर’ सोचकर आगे बढ़ गया था। तो रिंग रोड पर दूसरी साइड जाकर फिर कदमताल शुरु किया। अब साउथ एक्स से वापस फिर दो-तीन किमी की दूरी चलने के बाद अचानक मेरे अंदर का दिलीप कुमार जागने लगा और अंदर का तलत महमूद गाने लगा – ऐ दिल मुझे ऐसी जगह ले चल जहां कोई ना हो..और इस बहुत ही आध्यात्मिक क्षण को तोड़ते हुए कुछ हॉर्न की आवाज़ सुनाई दी। घूम कर देखा -एक बाइक पर एक भाई बैठा है। इस संस्मरण की बाक़ी बातों को मैंने जितना भी शब्द क्रीड़ा से डाइल्यूट किया हो लेकिन उसका सवाल आजतक स्पष्ट याद है। उसने पूछा- क्या हुआ ब्रदर ?
मैं भावातिरेक में नहीं जाऊंगा, ये नहीं कहूँगा कि कोई फ़रिश्ता बन कर वो आया था। वो एक बिल्कुल वैसा इंसान था, जैसा कि मैं मानता रहा हूँ कि इंसान होता है, जो कई लोगों से बहस करके थकने वाले मेरे जैसे इंसान की मदद करने आया था, यही साबित करने कि इस तरह के लोग दुनिया में हैं। यदा कदा मिलते रहते हैं। ऐसा शख़्स जो किसी अनजान बाइकर को परेशानी में देखकर रुकता है, मदद के लिए पूछता है और फिर अपने सफ़र को रोक कर मथुरा रोड जाता है, मेकैनिक को औज़ार के साथ बिठा कर लाता है, पहिया खुलवा कर वापिस ले जाता है और फिर पंचर ठीक करवा कर लाता है। वो ऐसा शख़्स जिसने मेरा भरोसा फिर से मज़बूत किया कि माहौल भले ही कट-थ्रोट हो गया है पर, अपने त्यौहार को पोस्टपोन करके दूसरों के लिए सोचता है। दिवाली की तमाम नॉन-यादगार रातों में, मेरे और रामकटोरी के लिए दिवाली की वो रात सबसे यादगार रही।
आज इतने सालों के बाद उसकी याद आने की वजह वही है, जो उसके आने की थी, जहां फिर से लगातार हथौड़े जैसे सवालों के बीच इंसान के भीतर की हमदर्दी पर से भरोसा डोलने लगा है। मैं उम्मीद कर रहा हूँ एक बार फिर से मेरा भरोसा मज़बूत करने कोई नया ब्रदर आएगा।
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