मोटरसाइकिल-म्यूज़िक-कार-बेकार इत्यादि मुद्दों पर क्रांतिकारी Blog

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लेह जा रहे हैं क्या ? मैं भी गया था। 

पहले की तस्वीरें युग-युगांतर की मानी जाती थीं, या कमसेकम दिखती थीं, मोटे मोटे बख़्तरबंद एलबम में। आजकल होता ये है कि एक तस्वीर...

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लेह यात्रा पार्ट 2: खारदुंग-ला सबसे ऊँचा ?

( * शुरू में ही बता दूं कि हो सकता है आगे लिखी बातों के बारे में आपको पहले से जानकारी हो, लेकिन मुझे पता नहीं...

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ओलंपियन्स के नाम बरसाती फ़ैन की चिट्ठी

डियर ओलंपियन्स, आज छुट्टी थी तो शाम को टीवी पर एचडी चैनल लगाकर, आवाज़ तेज़ करके आपही सबको देख रहा था।आपमें से ज़्यादातर को...

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लेह यात्रा पार्ट 3: एसयूवी वाला साधु !

( सबसे पहले ज़ेहन में एक शीर्षक आया “द मौंक हू ड्रोव हिज़ एक्सयूवी – उस किताब से प्रेरित होकर जो मैंने पढ़ी नहीं...

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हिंसा का ऐसा जश्न क्यों ?

एक और घटना देखने को मिली है, फिर से सवाल वही सवाल सामने आ रहे हैं क्या इंसानियत मर गई, इतना क्रूर क्यों हो...

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हमारे नेता वैसे ही होते हैं जैसे हम होते हैं । 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ग़लती ये नहीं थी कि वो पुलिसकर्मियों की गोद में बैठकर बाढ़ प्रभावित इलाक़े का दौरा करने के लिए...

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क्या रोहित वेमुला देख चुका था कि अंत में डेथ सर्टिफ़िकेट बनाम कास्ट सर्टिफ़िकेट होगा ?

कोई भी विचार या मूल्य जब सार्वजनिक होता है तो फिर ये स्वीकार करना ही होता है कि उसका रूप-स्वरूप क्या रहेगा, क्या जाएगा,...

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सीसीटीवी के गणतंत्र में बकासुर बना सोशल मीडिया 

इस बार एक माँ अपने छोटे दुधमुँहे बच्चे को मारती हुई सीसीटीवी में क़ैद हुई है। सिर्फ़ मारती नहीं है, उसे गले से पकड़...

खेल दिवस और गुरू द्रोणाचार्य पर मेरे मन की बात 0

खेल दिवस और गुरू द्रोणाचार्य पर मेरे मन की बात

कुछ वक़्त पहले जीके के एक कॉफ़ी शॉप में अचानक मुलाक़ात हुई उन ऐक्टर से जिन्होंने महाभारत में द्रोणाचार्य का किरदार निभाया था। लंबी...

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भारत-पाकिस्तान की इस सुरीली लड़ाई में क्यों भारी पड़ा पाकिस्तान ?

कुछ साल पहले से ये बहस शुरू हुई थी। वैसे शुरु होने से पहले ही शायद ख़त्म भी हो गई थी। बहस ये कि...

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