Category: Blog

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ये दिल्ली दिलवालों की नहीं, बिगड़े बाप के अमीर औलादों की

इस नई दिल्ली से बाहर वालों को नहीं ख़ुद यहां के बाशिंदों को अब डर लग रहा है। अमीर बाप के बिगड़े औलादों से...

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स्टेफ़नी करती है पापा से प्यार- संदेश पहुंचा रही है कार 

मार्केटिंग के लिए कंपनियां क्या क्या नहीं करती हैं। कई बार प्रचार-प्रसार का टीवी और वेब पर आक्रमण होता है और कई बार क्रिएटिविटी...

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असली बाइकर नक़ली बाइकर

बार बार उन्हें बाइकर बुलाया जाता है तो बुरा लगता है। असल बाइकर ऐसे थोड़े ही ना होते हैं। बहुतों को जानता हूं, जो...

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इमोशनल अपील

आज का वक्त ऐसा आ गया है जब कारों और मोटरसाइकिलें बहुत हद तक एक जैसे हो गए हैं। अगर तकनीकी और आंकड़ों के...

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लेडीज़ फ़र्स्ट

“कोई लेडी ड्राइवर ही रही होगी” ये जुमला आजकल काफ़ी इस्तेमाल होता सुनाई देता है। ज़्यादातक मज़ाक उड़ाने के लिए और कई बार संजीदगी...

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लेह जा रहे हैं क्या ? मैं भी गया था..

पहले की तस्वीरें युग-युगांतर की मानी जाती थीं, या कमसेकम दिखती थीं, मोटे मोटे बख़्तरबंद एलबम में। आजकल होता ये है कि एक तस्वीर...

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क्या कारवाले हैं फसाद की जड़ ?

पंद्रह दिन के एक-एक घंटे को टटोल टटोल कर मत काटिए…नतीजा नाटकीय नहीं होने जा रहा है, ना तो उतना सकारात्मक जितनी उम्मीद आपिस्ट...

क्या वाकई मर्सेडीज़ कुचला गया सिद्धार्थ … 0

क्या वाकई मर्सेडीज़ कुचला गया सिद्धार्थ …

सब सीसीटीवी कैमरे के सामने हुआ था, जो बार बार टीवी चैनलों पर देखा गया था । कैसे सड़क पार करता सिद्धार्थ एक बेतहाशा...

दर्द-ए-दिल्ली: क्या ये दुस्साहस कर पाएंगे केजरीवाल ?  0

दर्द-ए-दिल्ली: क्या ये दुस्साहस कर पाएंगे केजरीवाल ? 

बिना किसी भूमिका के एक सवाल उछाल रहा हूं मैं दिल्ली के सीएम की तरफ़, वैसे उसमें एक चैलेंज का भी फ़्लेवर तो है।...

ऑड और ईवन: प्रदूषण का प्रेत और ट्रैफ़िक का चुटकुला  0

ऑड और ईवन: प्रदूषण का प्रेत और ट्रैफ़िक का चुटकुला 

चलिए कार्यक्रम ये है कि शुरूआत मुहावरे से करता हूं और अंत चुटकुले से करूंगा । बीच में भी कुछ लिखूंगा। कुछ ऐसा नहीं...

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