Monthly Archive: March 2017

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कई साल बाद जब मैं गाँव गया …पार्ट -२

“बड़ों को संदेश देती मधुबनी की सातवीं क्लास की कवयित्री” कई बार कविता के बोल मज़बूत होते हैं और कविता पढ़ने का तरीक़ा भी।...

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कई साल बाद जब मैं अपने गाँव गया …

पार्ट-1 :“स्टॉपओवर पटना- अपने गृहनगर में टूरिस्ट” मेरा गाँव पटना के पास नहीं। पटना से दूर है। लगभग एक सौ सत्तर-अस्सी किलोमीटर दूर, मधुबनी...

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तो बलीनो RS की ड्राइव के वक़्त मेरा हार्ट-रेट क्यों नहीं बढ़ा ?

इस सवाल का जन्म हुआ था उस फ़िटनेस बैंड के साथ जो सुबह सुबह मेरी कलाई पर बाँधा गया था। जब मैं पहुँचा था...

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राहुल गाँधी को संन्यास लेने के लिए क्यों नहीं धकेल रहा सोशल मीडिया ?

फ़ेसबुक आज के युग का बोधि वृक्ष है इस पर तो किसी को आपत्ति हो नहीं सकती है और अगर है भी तो कौन...

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सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए शोभा डे को लिखी खुली चिट्ठी

शोभा जी, प्रणाम। (*अब डियर तो लिख नहीं सकते हैं, क्योंकि डियर बोलने पर मंत्री जी ने दूसरे नेता की भावनाओं को ऐसा थकूच...

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